लोन न चुका पाने वालों के लिए राहत की खबर, सुप्रीम कोर्ट का बैंकों को बड़ा निर्देश SC Decision on Bank Loan

SC Decision on Bank Loan: लोन नहीं चुका पाने वाले कर्जदारों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत की खबर सामने आई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने हाल ही में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे डिफॉल्टर ग्राहकों के खिलाफ मनमानी कार्रवाई न करें। कोर्ट ने यह फैसला ऐसे समय में दिया है जब आर्थिक तंगी और बढ़ती महंगाई के कारण आम लोग लोन चुकाने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। कोर्ट का यह निर्देश लाखों ग्राहकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है और बैंकों की मनमानी पर लगाम लगाने का काम करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि कई बार बैंक बिना पूर्व सूचना के कर्जदारों की संपत्ति जब्त कर लेते हैं, जो नियमों के खिलाफ है। कोर्ट ने इस पर चिंता जताते हुए बैंकों को निर्देश दिया कि वे SARFAESI एक्ट और RBI गाइडलाइन्स के तहत ही कार्रवाई करें। कोर्ट का मानना है कि कर्ज वसूली प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्ध सूचना जरूरी है ताकि कर्जदार को अपनी बात रखने का मौका मिल सके। यह फैसला लाखों ऐसे लोगों के लिए राहत की खबर है जो डिफॉल्ट के कारण परेशान हैं।

Sticky Social Icons

बिना नोटिस कार्रवाई पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई बैंक कर्जदार को बिना उचित नोटिस दिए उसकी संपत्ति जब्त करता है, तो वह कार्रवाई अवैध मानी जाएगी। इस फैसले से यह तय हो गया है कि बैंक अब किसी भी रिकवरी प्रोसेस से पहले ग्राहक को पर्याप्त समय और जानकारी देंगे। कोर्ट ने बैंकों को निर्देशित किया है कि वे नोटिस भेजने के बाद ही अगली कार्रवाई शुरू करें और ग्राहक को कानूनी विकल्प चुनने का समय दें।

Also Read:
LPG Cylinder Price हाल ही में सस्ता हुआ गैस सिलेंडर, देशभर में गैस सिलेंडर की नई कीमतें हुई जारी LPG Cylinder Price

आर्थिक तंगी को माना गया बड़ा कारण

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि कोरोना महामारी और उसके बाद की आर्थिक परिस्थितियों के कारण बहुत से लोग समय पर लोन चुकाने में असमर्थ रहे हैं। ऐसे में उन्हें तुरंत डिफॉल्टर घोषित कर देना और संपत्ति जब्त करना उचित नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसी स्थिति में बैंकों को सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेने की आवश्यकता है, ताकि लोगों को राहत मिल सके और वे दोबारा आर्थिक रूप से स्थिर हो सकें।

बैंकों को माननी होंगी कानूनी प्रक्रियाएं

अब बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे प्रत्येक डिफॉल्टर मामले में कानूनी प्रक्रिया का पालन करें। कोई भी जल्दबाज़ी में की गई वसूली या जब्ती कोर्ट के इस फैसले के बाद चुनौती के दायरे में आ सकती है। इस फैसले से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि बैंकों को ग्राहकों के अधिकारों का सम्मान करते हुए ही कार्य करना होगा। इससे बैंकों और ग्राहकों के बीच भरोसा भी मजबूत होगा और कानूनी विवाद भी कम होंगे।

डिफॉल्ट की स्थिति में क्या करें

अगर कोई ग्राहक लोन की किस्तें नहीं चुका पा रहा है, तो उसे तुरंत अपने बैंक से संपर्क कर समस्या साझा करनी चाहिए। बैंक कई बार लोन रिस्ट्रक्चरिंग, मोहलत (moratorium), या पुनर्भुगतान योजना (repayment plan) जैसे विकल्प देते हैं। कोर्ट के इस फैसले से अब ग्राहकों को डरने की जरूरत नहीं है कि बिना चेतावनी उनके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी। उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करके वैकल्पिक समाधान मांगना चाहिए।

Also Read:
Post Office Pension Plan सिर्फ ₹5000 की एक बार की सेविंग से मिलेगी ₹20000 महीना पेंशन, जानिए Post Office Pension Plan

नियमित भुगतान करने वालों पर नहीं पड़ेगा असर

यह फैसला केवल उन ग्राहकों के लिए राहत है जो विशेष परिस्थितियों में लोन नहीं चुका पा रहे हैं। जिन लोगों का भुगतान नियमित रूप से हो रहा है, उनके लिए इस फैसले का कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा। बल्कि यह तय करेगा कि बैंकों की वसूली प्रणाली सभी ग्राहकों के लिए समान और पारदर्शी बनी रहे। यह फैसला बैंकिंग प्रणाली में संतुलन बनाए रखने और कर्जदारों के हितों की सुरक्षा के उद्देश्य से लिया गया है।

डिस्क्लेमर

यह लेख सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रिपोर्ट्स के आधार पर लिखा गया है। कृपया किसी कानूनी निर्णय या वित्तीय योजना से पहले अधिकृत वकील या बैंक से परामर्श अवश्य लें। नियम समय के साथ बदल सकते हैं।

Also Read:
Home Loan EMI होम लोन की इतनी ईएमआई नहीं भरने पर बैंक घोषित कर देगा डिफॉल्‍टर, लोन लेने वाले जान लें नियम Home Loan EMI

Leave a Comment