RBI Loan Defaulter Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन डिफॉल्ट के मामलों में सख्ती बरतने का फैसला किया है। अब बैंकों को कर्ज नहीं चुकाने वालों के खिलाफ सीधी कार्रवाई का अधिकार मिल गया है। इस कदम का मकसद डिफॉल्ट मामलों को कम करना और बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाना है। इससे न केवल बैंकों की स्थिति सुधरेगी बल्कि ईमानदारी से लोन चुकाने वाले ग्राहकों को भी फायदा मिलेगा।
डिफॉल्टर्स पर सीधी कार्रवाई की मंजूरी
RBI ने नए निर्देशों के तहत बैंकों और NBFCs को यह छूट दी है कि वे निर्धारित समय के भीतर लोन नहीं चुकाने वालों के खिलाफ त्वरित कानूनी कार्रवाई शुरू कर सकें। पहले डिफॉल्ट की प्रक्रिया लंबी और जटिल होती थी, लेकिन अब सिंगल नोटिस के बाद रिकवरी की प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
पब्लिक नोटिस की अनिवार्यता
नई गाइडलाइंस के अनुसार यदि कोई ग्राहक निर्धारित समय के भीतर ईएमआई नहीं चुकाता है, तो बैंक उसे सार्वजनिक रूप से नोटिस जारी कर सकता है। इसमें ग्राहक का नाम और विवरण प्रमुख रूप से प्रकाशित किया जा सकता है, जिससे उसकी साख को नुकसान हो सकता है। इससे लोन समय पर चुकाने के लिए दबाव बनेगा।
SARFAESI एक्ट के तहत तेज़ कार्रवाई
SARFAESI कानून के तहत अब बैंक 60 दिन के भीतर रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। पहले जहां यह प्रक्रिया 90 दिन बाद शुरू होती थी, अब इसमें तेजी लाई गई है। इससे बैंक अपनी फंसी हुई राशि जल्दी वसूल कर पाएंगे और वित्तीय स्थिरता बनाए रखेंगे।
सीबिल स्कोर पर भी पड़ेगा असर
लोन डिफॉल्ट करने पर ग्राहक का CIBIL स्कोर तेजी से गिर सकता है। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार का क्रेडिट लेना मुश्किल हो जाएगा। RBI का यह फैसला न सिर्फ वर्तमान डिफॉल्टर्स के लिए चेतावनी है, बल्कि नए लोन लेने वालों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
बैंकों को मिली रिकवरी की स्वतंत्रता
अब बैंकों को लोन वसूली के लिए कानूनी विकल्पों का प्रयोग करने में अधिक छूट मिलेगी। वे तीसरे पक्ष की एजेंसियों या वसूली एजेंट्स को नियुक्त कर सकते हैं। साथ ही कोर्ट या ट्रिब्यूनल की सहायता से डिफॉल्टर की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया भी तेज हो जाएगी।
ग्राहकों को दी गई चेतावनी
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि लोन लेने से पहले सभी शर्तें समझना जरूरी है। कर्ज समय पर नहीं चुकाने की स्थिति में वित्तीय और कानूनी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ग्राहकों को सलाह दी गई है कि वे अपनी भुगतान क्षमता का सही आकलन कर ही लोन लें।
Disclaimer
यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ की राय अवश्य लें और आधिकारिक स्रोतों से पुष्टि करें।