CIBIL Score Big Update: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कर्ज देने की पारदर्शिता और उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्टिंग प्रणाली से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं। अब कर्ज लेने वालों को अपना क्रेडिट स्कोर और उससे संबंधित रिपोर्ट समझना और सुधारना पहले से ज्यादा आसान हो जाएगा। नए दिशा-निर्देशों का मकसद बैंकों और एनबीएफसी की जवाबदेही बढ़ाना और ग्राहकों को सशक्त बनाना है।
हर महीने मिलेगी क्रेडिट रिपोर्ट
RBI के नए नियमों के अनुसार अब सभी क्रेडिट ब्यूरो को ग्राहकों को हर महीने एक बार मुफ्त में उनकी क्रेडिट रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा। इससे उपभोक्ता अपने स्कोर की नियमित निगरानी कर सकेंगे और किसी भी त्रुटि को समय रहते सुधार सकेंगे।
30 दिन में शिकायत निवारण जरूरी
अगर किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गलती है तो संबंधित संस्था को 30 दिनों के भीतर उसे सुधारना होगा। यह समय-सीमा अब अनिवार्य कर दी गई है, जिससे उपभोक्ता को लंबे समय तक परेशानी न उठानी पड़े।
क्रेडिट स्कोर की सूचना अनिवार्य
अब बैंक और लोन देने वाले संस्थानों को कर्ज स्वीकृति या अस्वीकृति के समय उपभोक्ता को उसका CIBIL स्कोर बताना जरूरी होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और ग्राहक को अपने स्कोर के आधार पर फैसले की वजह पता चलेगी।
लोन रिजेक्शन में कारण बताना अनिवार्य
यदि किसी व्यक्ति का लोन किसी क्रेडिट स्कोर या रिपोर्ट के आधार पर अस्वीकार किया जाता है, तो बैंक को कारण लिखित रूप में बताना होगा। इससे ग्राहक अपने स्कोर को सुधारने की दिशा में सही कदम उठा सकेगा।
डेटा अपडेट करने की समय-सीमा तय
बैंकों और एनबीएफसी को अब 21 दिन के भीतर अपने ग्राहकों का भुगतान या ऋण संबंधित डेटा क्रेडिट ब्यूरो को देना होगा। इससे रिपोर्ट में देरी या गलत जानकारी की समस्या कम होगी।
ऑनलाइन पोर्टल से आसान निगरानी
ग्राहकों को रिपोर्ट और स्कोर देखने के लिए सभी क्रेडिट ब्यूरो को अपना पोर्टल यूजर फ्रेंडली बनाना होगा। RBI ने आदेश दिया है कि रिपोर्ट को समझना सरल हो ताकि आम लोग भी अपनी क्रेडिट हेल्थ को जान सकें।
डिस्क्लेमर
यह जानकारी विभिन्न विश्वसनीय सूत्रों और RBI के जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर दी गई है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले विशेषज्ञ सलाह अवश्य लें। यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है।