RBI का नया नियम: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वालों के लिए एक नया नियम लागू कर दिया है। अब अगर कोई भी व्यक्ति अपनी EMI समय पर नहीं भरता है तो उसे हर महीने ₹2,000 तक का अतिरिक्त जुर्माना देना पड़ सकता है। यह नियम खासतौर पर बैंकों और लोन कंपनियों की शिकायतों के बाद लागू किया गया है ताकि समय पर भुगतान को बढ़ावा मिल सके और लोन डिफॉल्ट के मामले कम हों। आइए जानते हैं इस नए नियम की पूरी जानकारी और इससे जुड़ी अहम बातें।
EMI में चूक पर लगेगा तय फाइन
RBI के नए नियम के अनुसार अगर कोई लोनधारक अपनी मासिक किस्त (EMI) समय पर नहीं चुकाता है तो उस पर हर महीने ₹2,000 तक का फाइन लगाया जाएगा। यह फाइन EMI की राशि और देरी के दिनों के हिसाब से तय होगा। इस कदम से बैंकों को समय पर भुगतान मिलने में मदद मिलेगी और लोन रिकवरी की प्रक्रिया आसान होगी।
लोन डिफॉल्ट पर होगी कड़ी कार्रवाई
नया नियम सिर्फ फाइन तक सीमित नहीं है। अगर कोई लगातार EMI चूकता रहता है तो बैंक उसे डिफॉल्टर घोषित कर सकता है। डिफॉल्टर बनने से ग्राहक का CIBIL स्कोर गिर सकता है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाएगा। RBI का मानना है कि सख्त नियम से लोग समय पर किस्त चुकाएंगे और बैंकों का बकाया भी सुरक्षित रहेगा।
ग्राहकों को क्या रखना होगा ध्यान?
अब लोन लेने वालों को अपनी EMI की तारीख अच्छी तरह से याद रखनी होगी। बैंक बार-बार रिमाइंडर भेजेंगे लेकिन चूकने पर कोई राहत नहीं मिलेगी। बेहतर होगा कि ग्राहक ऑटो डेबिट सुविधा का इस्तेमाल करें ताकि किस्त अपने आप कट जाए और फाइन भरने की नौबत न आए।
कितना होगा जुर्माना और कैसे लिया जाएगा?
जुर्माना EMI की रकम और देरी की अवधि पर निर्भर करेगा। सामान्य तौर पर ₹1,000 से लेकर ₹2,000 तक का फाइन प्रति EMI चूक पर लगाया जा सकता है। यह फाइन सीधे अगली EMI में जोड़ दिया जाएगा या अलग से वसूला जाएगा। ग्राहक को इसका नोटिस SMS या ईमेल के जरिए मिलेगा।
फाइन भरने में देरी तो और बढ़ेगी मुसीबत
अगर कोई ग्राहक जुर्माना भी समय पर नहीं भरता है तो बैंक उस पर ब्याज भी लगा सकता है। इससे लोन की कुल लागत और ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में छोटी सी लापरवाही भविष्य में बड़ा नुकसान कर सकती है। RBI का सुझाव है कि EMI चुकाने से पहले ही अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर लें।
लोन लेने से पहले जान लें ये बातें
लोन लेते समय अपनी भुगतान क्षमता को ध्यान में रखकर ही EMI तय करें। ज्यादा EMI लेने से चूक की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी इमरजेंसी के लिए एक सेविंग अकाउंट में बैकअप रकम रखें ताकि किस्त कटने में कोई परेशानी न हो। बैंक की EMI Reminder सर्विस को भी एक्टिव रखें।
Disclaimer
यह जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए दी गई है। RBI के नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। EMI चूकने पर जुर्माना, फाइन और ब्याज की दर बैंक की शर्तों पर निर्भर करेगी। विस्तृत जानकारी के लिए अपने बैंक या RBI की ऑफिशियल वेबसाइट से कन्फर्म करें।