New Tata Punch: टाटा पंच 2025 भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही कारों में से एक है। इसकी SUV जैसी मजबूत बॉडी, शानदार ग्राउंड क्लीयरेंस और टाटा की भरोसेमंद इंजीनियरिंग इसे खास बनाती है। यह कार शहरों के साथ-साथ गांव-कस्बों में भी युवाओं और परिवारों का पहला चुनाव बन चुकी है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या 40 से 45 हजार रुपये की मासिक सैलरी में टाटा पंच खरीदना संभव है? आइए जानें इस कार की कीमत, EMI प्लान और सैलरी के हिसाब से क्या यह आपकी पहुंच में है।
टाटा पंच की कीमत और EMI प्लान
टाटा पंच के प्योर पेट्रोल वेरिएंट की दिल्ली में ऑन-रोड कीमत लगभग 6.66 लाख रुपये है। मान लीजिए आप इसे लोन पर लेना चाहते हैं और 50 हजार रुपये डाउन पेमेंट करते हैं। तो आपको लगभग 6.12 लाख रुपये का लोन लेना पड़ेगा। बैंक से 9% ब्याज दर पर यदि आप चार साल के लिए लोन लेते हैं तो हर महीने की EMI करीब 15,253 रुपये होगी। वहीं, पांच साल के लिए EMI घटकर 12,708 रुपये और छह साल के लिए 11,035 रुपये हो जाएगी। अगर आप सबसे लंबी अवधि, यानी सात साल का लोन लेते हैं तो EMI 9,850 रुपये प्रति माह के करीब आती है।
क्या 40-45 हजार सैलरी में संभाल पाएंगे EMI?
विशेषज्ञों के अनुसार आपकी EMI आपकी मासिक इनकम का 20 से 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसका मतलब 45 हजार रुपये सैलरी में आप करीब 9,000 से 11,000 रुपये तक की EMI आराम से उठा सकते हैं। ऐसे में सात साल के लोन प्लान पर टाटा पंच खरीदना आपकी सैलरी के हिसाब से सही फैसला होगा। लेकिन ध्यान रखें कि EMI के अलावा भी इंश्योरेंस, मेंटेनेंस, फ्यूल और सर्विसिंग जैसे खर्चे भी आते हैं। अगर आपके ऊपर कोई और कर्ज नहीं है और घर के खर्च भी अच्छे से संभाल पाते हैं तो यह डील आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
डाउन पेमेंट और अन्य जरूरी बातें
कार खरीदते समय डाउन पेमेंट का भी खास ध्यान रखना चाहिए। ज्यादा डाउन पेमेंट करने से आपकी EMI कम होगी और ब्याज की राशि भी बचत होगी। इसके अलावा, टाटा पंच की कीमत राज्य के अनुसार अलग हो सकती है। बैंक से मिलने वाले लोन की शर्तें, ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और बीमा का खर्च भी अलग-अलग ग्राहक के प्रोफाइल पर निर्भर करता है। इसलिए लोन लेने से पहले इन सभी बातों को अच्छे से समझ लेना जरूरी है।
Disclaimer: यह लेख उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। कार खरीदने से पहले कृपया आधिकारिक डीलर या बैंक से पूरी जानकारी लें। कीमतें, लोन शर्तें और ब्याज दरें समय-समय पर बदल सकती हैं।