अब नहीं लगाने होंगे सरकारी दफ्तरों के चक्कर, 72 घंटे में मिलेगा कब्जा प्रमाणपत्र Property Possession Certificate

Property Possession Certificate: अब प्रॉपर्टी कब्जा प्रमाणपत्र (Possession Certificate) पाने के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन और समयबद्ध बना दिया है। इसके तहत अब आवेदन करने के 72 घंटे के भीतर कब्जा प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा। यह बदलाव खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है, जो भूमि या मकान की खरीद-बिक्री के बाद कानूनी दस्तावेजों के लिए लंबे समय तक इंतजार करते थे। इससे संपत्ति की रजिस्ट्री और बैंक लोन की प्रक्रिया भी तेज होगी।

डिजिटल पोर्टल पर करना होगा आवेदन

राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल पोर्टल पर अब कब्जा प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए आवेदक को ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आवेदन की पुष्टि के बाद राजस्व विभाग के अधिकारी उस प्रॉपर्टी का वेरिफिकेशन करेंगे। यदि सब कुछ सही पाया गया, तो 72 घंटे के अंदर ई-मेल या पोर्टल के माध्यम से प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा। इससे पारदर्शिता भी बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

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जमीन खरीदने वालों को होगा सबसे ज्यादा लाभ

यह नई व्यवस्था उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है जो नई जमीन या मकान खरीदते हैं। पहले कब्जा प्रमाणपत्र प्राप्त करने में कई सप्ताह लगते थे और फाइलें कई विभागों में घूमती रहती थीं। अब यह प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। जमीन का कब्जा प्रमाणपत्र मिलने से प्रॉपर्टी मालिक को रजिस्ट्री, लोन स्वीकृति, बिजली-पानी कनेक्शन जैसे जरूरी कामों में आसानी होगी।

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बिना प्रमाणपत्र नहीं होंगे कानूनी काम

कब्जा प्रमाणपत्र अब कानूनी रूप से जरूरी दस्तावेज बन गया है। इसके बिना प्रॉपर्टी से जुड़े कोई भी सरकारी या बैंकिंग कार्य पूरे नहीं किए जाएंगे। इसलिए सरकार ने यह तय किया है कि हर खरीद-बिक्री के बाद कब्जा प्रमाणपत्र को प्राथमिकता के आधार पर समय पर उपलब्ध कराया जाए। यह प्रमाणपत्र साबित करता है कि खरीदार ने संपत्ति पर वास्तविक कब्जा ले लिया है।

अधिकारी तय समय में करेंगे वेरिफिकेशन

72 घंटे में कब्जा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। उन्हें तय समय में फील्ड वेरिफिकेशन करना होगा और रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। यदि कोई अधिकारी देरी करता है, तो उस पर जवाबदेही तय की जाएगी। सरकार इस प्रक्रिया की निगरानी रीयल टाइम में कर रही है।

पुराने लंबित मामलों का होगा निपटारा

सरकार ने कहा है कि जो कब्जा प्रमाणपत्र पिछले कई महीनों से लंबित हैं, उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। इसके लिए अलग से एक विशेष टीम गठित की जा रही है जो पुराने आवेदनों को जांच कर निपटाएगी। इससे हजारों लोगों को लाभ मिलेगा जो प्रमाणपत्र की प्रतीक्षा में कानूनी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

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Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। कब्जा प्रमाणपत्र से जुड़ी अधिकृत जानकारी, नियम और आवेदन प्रक्रिया के लिए संबंधित राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

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