Saving Account: अगर आपके पास सेविंग अकाउंट है और आप उसमें बड़ी मात्रा में नगद राशि जमा करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आयकर विभाग द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर एक तय सीमा से अधिक कैश जमा किया जाता है तो उस पर भारी टैक्स देना पड़ सकता है। ऐसे मामलों में 60% तक टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस मिलाकर कुल 78% तक का टैक्स लगाया जा सकता है। यह नियम देशभर के करोड़ों बैंक खाताधारकों के लिए लागू किया गया है।
सेविंग अकाउंट में नगद जमा की सीमा और टैक्स नियम
भारत में ज्यादातर आम लोग सेविंग अकाउंट का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि सेविंग अकाउंट में कितना पैसा नगद जमा करना सुरक्षित है। अगर एक वित्तीय वर्ष में आप लिमिट से ज्यादा राशि जमा करते हैं तो आयकर विभाग के अनुसार यह अघोषित आय मानी जा सकती है। ऐसे मामलों में विभाग भारी टैक्स लगा सकता है जो सीधे आपके खाते से काटा जा सकता है।
कब लागू होता है यह टैक्स नियम
अगर आप एक बार में ₹2.5 लाख से ज्यादा नगद जमा करते हैं तो आपको अपना पैन कार्ड देना अनिवार्य है। इसके अलावा अगर पूरे साल में जमा की गई नगद राशि ₹12 लाख से ज्यादा हो जाती है तो आयकर विभाग को उसका स्रोत बताना जरूरी है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो जमा की गई राशि पर 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 4% सेस मिलाकर कुल 78% तक कर वसूला जा सकता है।
12 लाख से अधिक जमा राशि पर सख्त कार्रवाई
सेविंग अकाउंट में ₹12 लाख से अधिक नगद जमा करने पर यदि आप उसका स्रोत नहीं बता पाते हैं, तो आयकर विभाग उस रकम को अघोषित आय मानता है। अगर आय का प्रमाण नहीं दिया गया या वह आय रिटर्न में घोषित नहीं की गई तो विभाग उस रकम पर तुरंत टैक्स लगा सकता है। ऐसे में बिना जानकारी के बड़ी रकम जमा करना जोखिम भरा हो सकता है।
बिना स्रोत के राशि जमा करने पर लग सकता है भारी जुर्माना
अगर आप कोई वैध स्रोत नहीं दे पाते हैं या उस रकम की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दी गई है तो विभाग उसे अवैध मानकर टैक्स के साथ-साथ जुर्माना भी लगा सकता है। ऐसे मामलों में टैक्स के प्रकार और दरें पहले से तय होती हैं जिन्हें विभाग लागू करता है और वसूली सीधे बैंक खाते से की जा सकती है।
टैक्स दर का पूरा विवरण
अगर राशि का स्रोत नहीं बताया जाता है तो उस पर जो टैक्स दरें लागू होती हैं वे इस प्रकार हैं: बेस टैक्स 60%, सरचार्ज 25% और 4% सेस। इन सबको मिलाकर कुल प्रभावी कर दर 78% तक पहुंच जाती है, जिससे आपकी जमा राशि का बड़ा हिस्सा कट सकता है। इसलिए किसी भी बड़ी राशि को खाते में जमा करने से पहले उसके स्रोत और प्रमाण की तैयारी जरूरी है।
बैंकिंग नियमों की अनदेखी से हो सकता है नुकसान
कई बार लोग पुराने पैसे या कैश इनहैंड रकम को एक बार में बैंक में जमा कर देते हैं, लेकिन यह गलती भारी पड़ सकती है। विभाग इन जमा की गई राशियों की जानकारी रीयल टाइम में ट्रैक करता है। यदि बैंक की तरफ से जमा राशि की जानकारी आयकर विभाग को भेजी जाती है और स्रोत सही नहीं होता तो तुरंत नोटिस भेजा जा सकता है।
सावधानी ही बचाव है: जानें अपना टैक्स दायित्व
अगर आप भी अपने सेविंग अकाउंट में बड़ी राशि जमा करना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि वह आय किसी वैध स्रोत से आ रही है। आयकर विभाग को स्पष्ट रूप से उसकी जानकारी दें और समय पर इनकम टैक्स रिटर्न भरें। इस तरह न सिर्फ आप जुर्माने से बच सकते हैं बल्कि कानूनी परेशानी से भी दूर रहेंगे। यह नियम हर उस नागरिक के लिए लागू है जिसकी आय और बैंकिंग लेन-देन तय सीमा से ज्यादा होती है।
Disclaimer: यह जानकारी विभिन्न इंटरनेट स्रोतों और सरकारी गाइडलाइनों पर आधारित है। किसी भी निर्णय से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या चार्टर्ड अकाउंटेंट से परामर्श अवश्य करें। OpenAI या लेखक किसी नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं है।